जल वायु धरती शब्द सुनो,
इन शब्दों का सही अर्थ चुनो।
जंगल में मंगल चाहो तो,
संरक्षण का तुम नाम चुनो।।
जब पानी हरदम स्वच्छ रहे,
निर्मल यह वातावरण रहे।
कचरा न बहे यदि पानी में,
रोग आए नही जिंदगानी में।।
मिट्टी में सोना निपजेगा,
जब क्षरण इसका मिट जायेगा।
मानव मानवता के नाते,
जब इसमें जीवन समझेगा।।
वायु का प्रदूषण भारी है,
व्यवसायीकरण भी खुमारी है।
वायु में धुंए का मिश्रण,
प्रदूषित करता वातावरण।।
नित नए नए रोगों ने भी,
नर तन पर डेरा डाला है।
प्रदूषित होगा पर्यावरण,
पहनाई दूषित माला हैं।।
जैविक अजैविक सभी तत्व,
करते प्रभावित जीवन को।
हम रहे स्वच्छ सहेजे वृक्ष,
खुशियां बांटे मानव मन को।।
करके संरक्षण इन सबका,
करनी सुरक्षित काया है।
धरती पर जीवन जीने का,
उपहार अनोखा पाया है।।
इन सब से मुक्ति पाने का,
वादा खुद से करना होगा।
जल वायु मृदा संरक्षण से,
यह पर्यावरण शुद्ध होगा।।
✍️ ज्योति चौपड़ा ( झालावाड़, राजस्थान )