आओ मनाएं पर्व दिवाली,
रंग-बिरंगी रचो अनुपम रंगोली,
घर-घर सजे जगमग रोषणाई,
दीपमालाएं सुंदर सजे सजीली।
बंदनवार से घर-द्वार सजाएं,
सुरभित फूलों से महकाएं,
नए परिधान, मावा, मिठाई,
मिलजुल कर प्रेम पर्व मनाएं।
रिद्धि-सिद्धि संग आये गणेश जी,
संग-संग आये माता लक्ष्मी जी,
प्रेम श्रद्धा से करे लक्ष्मी पूजन,
धन, धान्य से भरे भंडार प्रभु जी।
दीप से दीप आओ रोशन करे,
गम अमावस अंधियार हरे,
मन में हो खुशी, हर्षोल्लास,
नववर्ष का प्रेममय स्वागत करे।
भैया दूज की आयी पावन बेला,
स्नेह पर्व यह हैं अद्भुत निराला,
मंगल कामना करें प्रभु से बहना,
जीवन हो खुशियों का मेला।
दीप से दीप प्रज्वलित करो,
आगत का प्रेम से स्वागत करो,
बांटो खुशियां, आनंद लहरियां,
बड़े-बुजुर्गों का आदर-सम्मान करो।
पर्व पावन दीपोत्सव का,
अंधियार हर लो जीवन का,
दीन, अनाथ का नाथ बनो,
आओ निभाये फर्ज मानवता का।
दीपोत्सव त्यौहार उमंग का,
मनोमालिन्य मिटा, प्रेम तरंग का,
हरदिल धर्म भाव दीप प्रगटे,
प्रकाश उजियार हो संस्कार का।
अनंत शुभकामनाएं दिवाली की,
सुख, समृद्धि, आनंद दीपोत्सव की,
रोशन जीवन प्रकाश जगमग ज्योति,
जगमगाते आनंद हर्षोल्लास की।
✍️चंचल जैन ( मुंबई, महाराष्ट्र )