उत्साह, उमंग, आशाएं लेकर, देर रात जब हम सो जाते हैं।
तब ख्वाब, ख्वाबों की दुनिया में हमें कहीं दूर तक ले जाते हैं।।
दिनभर की सोच कभी हावी होती हैं ख्वाबों पर।
तो कभी ख्वाब परियों के देश में घूमने ले जाते हैं।।
कभी ख्वाब भरते है, मंजिलों की उड़ान।
कभी ख्वाब भी ख्वाबों को, आसान करते है।।
हकीकत में न सही ख्वाबों में,
इत्मीनान तब होता है
ख्वाब देश दुनिया का सफर भी आसान करते है।।
ख्वाब कभी डरावने, कभी सुहाने।
ख्वाब कभी अदभुत, कभी हकीकत।
ख्वाब कभी शरारत, कभी फजीहत।।
ख्वाब कभी खूबसूरत अहसास।
तो कभी मुस्कुराहट की वजह।।
ख्वाब कभी सारी सांसारिकता से परे।
ख्वाब कभी वास्तविकता के पक्षधर।।
ख्वाब कभी कोई नया उत्साह सा।
ख्वाब कभी तरुण, सुखद, शांत सफर।।
ख्वाब कोई अल्हड़, मनमानी जगह।
ख्वाब जहां किसी से न हो कोई डर।।
ख्वाब सिर्फ हमारा कोई सुंदर घर।
ख्वाब जो जीवन के ढेरो उलझनों से दूर।।
ख्वाब जहां से वापस लौटने का ना हो मन।
ख्वाब मेरी दोनो आंखो को देते है ताजगी।।
ख्वाब सुनहरे सुनहरे पलो का मंजर।
ख्वाब तुम्हारे मेरे दिल के बहुत करीब।
ख्वाब हमारे जीवन की खूबसूरत जरूरत।
ख्वाब जहां सिर्फ मैं और तुम हो।
ख्वाब जहां मैं और सिर्फ तुम्हारी यादें हो।।
ख्वाब जहां सिर्फ मेरे आंसू और मेरे समाधान।
ख्वाब जिससे दोनो आंखो को मिलती है राहत।
ख्वाब जहां होती है सिर्फ हमारी खुद की बादशाहत।।
ख्वाब कभी डरा देता फिर अचानक जगा देता है।
ख्वाब जो कभी धड़कने भी बढ़ा देता है।।
ख्वाब नींद से भी कभी उठा देता है।
ख्वाब कभी कभी खुद ही हंसा देता है।।
ख्वाब खुदा की एक रहमत।
ख्वाब इंसान की सच्ची जरूरत।।
ख्वाब तुम्हारे मेरे मिलन का स्थल।
ख्वाब परियों के देश की पहुंच।।
ख्वाब कोई जादुई छड़ी।
ख्वाब मन-मस्तिष्क को करते हैं उन्नत।।
✍️ प्रेममनी बासिल पीटर ( कोरबा, छत्तीसगढ़ )