रचनाकारों, कलाकारों, प्रतिभाशाली लोगों और उत्कृष्ट कार्य करने वाली शख्सियतों को प्रोत्साहित करने का विशेष मंच।
शनिवार, मार्च 19, 2022
💒 ये जीवन उपहार है उस खुदा का 💒
शुक्रवार, मार्च 18, 2022
💒 प्रेम उपहार 💒
प्रेम उपहार है
प्रेम से रिक्त हृदय के लिए
प्रेम रचा है
ईश्वर ने तुम्हारे लिए
और मेरे लिए
ताकि हम समझ सकें
इस संसार को और बेहतर
हम भर सकें प्रेम से
हर रिक्त हृदय को
तुम जानते हो ?
भरोसा उपहार है
टूटे हुए हृदय के लिए
भरोसा ईश्वर ने बनाया है
तुम्हारे और मेरे लिए
ताकि हम जोड़ सकें
संसार में टूटे हुए
स्वप्नों को फिर से संवरने के लिए
क्या तुम जानते हो
तुम उपहार हो मेरे लिए
ताकि मैं समझ सकूँ
भावों के मर्म को
और ढाल सकूँ प्रेम भाव को
कविताओं में संसार के लिए।
💒 रंग-ए-बहार 💒
💒 उपहार 💒
सुनो
आज तुम्हें
कुछ बोल रही हूँ
दिल के राज
खोल रही हूँ
सोने-चांदी
गहने-कपड़े
माना मुझको
प्यारे हैं
पर आज जो
तुमसे मांग रही हूँ
वो उपहार निराले है
प्यार तो तुम
करते हो मुझसे
अब थोड़ा
सम्मान भी करना
नही निपुण मैं
काम काज में
सीख रही मैं
धीरे धीरे
थोड़ा सब्र
अब तुम भी रखना
हो जाए गर
गड़बड़ थोड़ी
गलतियों को मेरी
नजरंदाज भी करना
और नही कुछ चाहूं तुमसे
ये उपहार ही काफी है
प्यार तो तुम
करते हो मुझसे
अब थोड़ा सम्मान भी करना।
✍️ पल्लवी पाठक ( गांधीनगर, गुजरात )
💒 उपहार का महत्व 💒
गुरुवार, मार्च 17, 2022
🌋 अंतहीन भावो की रंगोली 🌋
🌋 बचपन वाली होली 🌋
चलो ना इस बार
होली फिर से
बचपन वाली मनाते हैं
रंग गुलाल उड़ा-उड़ा कर
पानी के गुब्बारों से
रंगों की पिचकारी से खेल
दिल से होली मनाते हैं
बहुत हुआ अब
ना-ना करना
रंगों और गुलालो को
पानी बचाओ, पानी बचाओ
सबको पाठ पढ़ाने को
माना पानी व्यर्थ नही करना
सालो साल बचाना है
फिर क्यों बस होली को ही
यह आवाज उठाना है
जब हम छोटे थे होली पर
जाने-अनजाने घर जाते थे
सभी बड़ों के पैरों पर
अबीर लगा हम मुस्काते थे
परिचित ना होकर भी
गुजिया, दही बड़े और पुआ
कितने हक से खाते थे
चलो ना अब यही सब
अपने बच्चों को सिखाते हैं
होली सिर्फ त्योहार नही
संस्कार धरोहर है
जात-पात से ऊपर उठकर
एक रंग में रंगी
मस्तानों की टोली है
राधा के गालों पर लगा
कृष्ण का प्यार
ही तो होली है
बेरंग जीवन
और रिश्तों में
पकवानों की मिठास
ही तो होली है
अब और नही
खोए रंग होली के
सबको समझाते हैं
चलो ना होली फिर से
बचपन वाली मनाते हैं
✍️ पल्लवी पाठक ( गांधीनगर, गुजरात )
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...

-
बन जाते हैं कुछ रिश्ते ऐसे भी जो बांध देते हैं, हमें किसी से भी कुछ रिश्ते ईश्वर की देन होते हैं कुछ रिश्ते हम स्वयं बनाते हैं। बन जाते हैं ...
-
जीवन में जरूरी हैं रिश्तों की छांव, बिन रिश्ते जीवन बन जाए एक घाव। रिश्ते होते हैं प्यार और अपनेपन के भूखे, बिना ममता और स्नेह के रिश्ते...
-
पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...