ये बचपन है बहुत प्यारा,
जीवन है इसमें समाया,
नींव बनाता जीवन की मजबूत,
बचपन नही किसी से जाता है भूूल।
जीवन का रस है इसमें भींगा,
माँ का मधुर प्यार है इसमें,
हर पल बना बचपन भाव विभोर,
लेकर माँ के आँचल की छांव,
पिता का प्यार और आदरता का भाव,
जीवन बना इसमें दिव्य दर्शन,
एक-एक पल बना यादों की स्नेहिल पुकार,
बचपन जीयेें बिना ये मानव का जीवन है बेकार।
✍️ डॉ० उमा सिंह बघेल ( रीवा, मध्य प्रदेश )
👌👌
जवाब देंहटाएं