शुक्रवार, मार्च 25, 2022

👰 जीवन की डोर बिटिया 👰








तुझसे बंधी है,
जीवन की डोर बिटिया।
आँखों का काजल,
आँचल की छोर बिटिया।

घर की है,
फुदकती चिड़िया।
तू ही घनबन,
नाचती मोर बिटिया।

प्यार से भरा,
तेरा संसार।
बन जाये सबकी,
चितचोर बिटिया।

महकता मायका,
तुझसे खिलता ससुराल।
तू ही हमारी पूँजी,
तू ही संस्कार बिटिया।

मन वृंदावन तेरा,
तू है मधुवन।
फूल की क्यारी है तू,
है तुझसे संसार बिटिया।

    ✍️ सीमा रानी प्रधान ( महासमुंद, छत्तीसगढ़ )




👰 बेटी को पाती 👰







मैं लिख रही हूँ आज
बेटी तुझे यह पाती
आशा तेरी बढ़ेगी ख्याति

अच्छा लगता है देखकर

तेरे हौसलों का बढ़ जाना
चाहतों के आसमां को नाप आना

जो मैं दरख़्त सी
फूट आना तू हरे पात सी
और घनी छांव हो जाना

मैं बही जो नदिया सी
बनना तू निर्मल धार
और संग-संग बह जाना 

मैं हुई जो मृग सी
बनना तू कस्तूरी
और मुझे बौरा जाना

हो जाऊं जो मैं पर्वत
झरना तुम बन जाना
झर-झर के स्नेह फैलाना

आंच उठे जो वैर की
अपनत्व भाव से
तुम उसे मिटाना

         ✍️ ज्योति चौधरी ( लातेहार, झारखंड )

👰 बेटी सौभाग्य हमारा 👰









घर आंगन की चहक,
अपनेपन की महक,
मृदुल रेशम डोर,
प्रेम बंध, अल्हड़ भोर।

प्राची का आह्लाद,
मनमंदिर पूजा निनाद,
प्रेम की मधुरिम झंकार,
खिली-खिली सी बहार।

रवि किरणों सी तेजस,
उल्लसित और ओजस,
प्रमुदित प्रभात प्रभास,
सुनहरा उजला उजास।

दिल का सुरमई संगीत,
आनद धन वैभव सौगात,
शीतल छांव, प्रेम स्वरूप,
ठिठुरती ठंड में गुनगुनी धूप।

बेटी है सौभाग्य हमारा,
दीपित जीवन उजियारा,
चमके, चमकाये जग सारा,
जैसे सूरज, चांद, सितारा।

      ✍️ चंचल जैन ( मुंबई, महाराष्ट्र )

👰 बेटी से सौभाग्य 👰







बेटी से सौभाग्य जन्मे

रुनझुन से घर आंगन गूंजे

किलकारी से नानी का मन

मामा का मन खुशियों से नम

दादा ने लड्डू बटंवाये

बिटिया सोए भाग जगाए

दादी बोली भविष्य मजबूत दो

बिटिया के कुछ नाम कर दो

बेटी नही होती पराई

पापा ने मन की भावना बताई

माँ ने बिटिया गले लगाई

शिक्षण से सक्षम की बात कहाई

भाई बोला हंसने लड़ने की

इसको अब सब आजादी दो

बुआ बिटिया होने पर इतराई

कुटुंब देता रहा बधाई

क्यूंकि सबकी है सोच बदली

बेटी बन गई सशक्त अब असली।


     ✍️ रीना अग्रवाल ( बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश )

👰 बेटियां रहमत 👰







बेटे हैं नेमत तो बेटियां रहमत
इस बात से हुई दुनिया सहमत

कुछ बेटी माँ सी कुछ बाप सी
रब की रहमत का हिसाब नही

रहमतें मिलेंगी किस रूप में
माँ बाप को तो बेटी स्वरूप में

बेटी खुशरंग छतनार चिनार हैं
दुख में तो बनती ठंड़ी फुहार हैं

जिस दिन ले जन्म घर शक्ति
तो उस घर की हो जाती दुर्गा भक्ति

पूर्व जन्म का प्रारब्ध बाप का
बेटी जन्म से खात्मा पाप का

बेटियां अब नही रही जहमत
यें तो बस खुदा की रहमत

नेमतों का हिसाब देना पड़ता
रहमतों को बस संजोकर है रखना

जिस घर जन्म ले रही हैं बेटियां 
माया, सत्यभामा, वैदेही बेटियां 

यही सरस्वती बन जुबां पर बैठे
अज्ञानी के पास बहुत कम ठहरे

दर्द पीड़ा सहभागी हैं सृष्टि सृजन
बेटी दुखी हों तो करती मौन गर्जन

माँ बन जाने पर बेटी साक्षात् भगवान है
बच्चें कैसे भी हो पर वह मां सबकी एक समान है
 

     ✍️ सुनीता सोलंकी 'मीना' ( मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश )

बुधवार, मार्च 23, 2022

पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा आयोजित ऑनलाइन उपहार बहार साहित्यिक महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा लोगों को उपहार के महत्व तथा विशेषता का अहसास कराने के उद्देश्य से, ऑनलाइन उपहार बहार साहित्यिक महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'उपहार से बहार' रखा गया। इस महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने दिए गए विषय पर आधारित एक से बढ़कर एक उत्कृष्ट रचनाओं को प्रस्तुत कर ऑनलाइन 'उपहार बहार साहित्यिक महोत्सव' की शोभा में चार चाँद लगा दिए और ऑनलाइन उपहार बहार साहित्यिक महोत्सव को सफलतापूर्वक सम्पन्न कराने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। महोत्सव में प्रस्तुत रचनाओं में कुसुम अशोक सुराणा (मुंबई, महाराष्ट्र), स्मिता सिंह चौहान (गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश) और पल्लवी पाठक (गांधीनगर, गुजरात) की रचनाओं ने समूह का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया। इस‌ महोत्सव में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत शब्द सौग़ात' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने उपहार के महत्व, विशेषता तथा भावनाओं से जुड़ी महत्वपूर्ण बातों को बताते हुए महोत्सव में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया और सम्मान पाने वाले सभी प्रतिभागी रचनाकारों को उज्ज्वल साहित्यिक जीवन की शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने रचनाकारों को आने वाले ऑनलाइन साहित्यिक महोत्सवों में अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए सादर आमंत्रित भी किया। इस महोत्सव में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम सुनीता सोलंकी 'मीना', संध्या शर्मा, कुसुम अशोक सुराणा, चंचल जैन, मीता लुनिवाल, पल्लवी पाठक, सोनी कुमारी, रश्मि पोखरियाल 'मृदुलिका', स्मिता सिंह चौहान, सुशील यादव 'सांझ', डॉ. उमा सिंह बघेल, अनिता पाठक रचनाकारों के रहे।




शनिवार, मार्च 19, 2022

पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा आयोजित ऑनलाइन रंग उमंग साहित्यिक महोत्सव के प्रतिभागी 'पुनीत सप्तरंगी रचनाकार' सम्मान से सम्मानित।

पुनीत अनुपम साहित्यिक समूह द्वारा पावन पर्व होली के उपलक्ष्य में ऑनलाइन रंग उमंग साहित्यिक महोत्सव का आयोजन किया गया। जिसका विषय 'रंगों से ही जीवन उमंग' रखा गया। इस महोत्सव में देश के अलग-अलग राज्यों के रचनाकारों ने भाग लिया। जिन्होंने एक से बढ़कर एक रंगों के महत्व, विशेषता तथा होली पर आधारित अपनी बेहतरीन रचनाओं को प्रस्तुत कर महोत्सव की शोभा में चार चाँद लगा दिए। महोत्सव में कुछ प्रतिभागी रचनाकारों ने अपनी रचनाओं में बचपन‌ की होली का जिक्र करके बीती सुनहरी यादों को तरोताज़ा कर दिया। समूह से जुड़कर पहली बार रचना प्रस्तुत करने वाले रचनाकारों ने समूह का ध्यान विशेष रूप से आकर्षित किया। इस महोत्सव में सम्मिलित सभी प्रतिभागी रचनाकार शख्सियतों को ऑनलाइन 'पुनीत सप्तरंगी रचनाकार' सम्मान देकर सम्मानित किया गया। इस अवसर पर समूह के संस्थापक एवं अध्यक्ष पुनीत कुमार जी ने जीवन में रंगों की विशेषता बताते हुए सभी देशवासियों को पावन पर्व होली की शुभकामनाएं दी और महोत्सव में प्रस्तुत की गई रचनाओं पर अपनी महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया देकर रचनाकारों का मार्गदर्शन तथा उत्साहवर्धन किया और कहा कि समूह आगे भी विभिन्न महत्वपूर्ण दिवसों एवं पर्वों पर इसी तरह से ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा तथा नए रचनाकारों को अपनी साहित्यिक प्रतिभा दिखाने के लिए मंच उपलब्ध करवाता रहेगा। उन्होंने समूह द्वारा आयोजित होने वाले विभिन्न ऑनलाइन साहित्यिक कार्यक्रमों में सम्मिलित होने के लिए हिंदी रचनाकारों को सादर आमंत्रित भी किया। इस महोत्सव में उत्कृष्ट रचना प्रस्तुत करके समूह की शोभा बढ़ाने वालों में प्रमुख नाम कुसुम अशोक सुराणा, चंचल जैन, सुनीता सोलंकी 'मीना', संध्या शर्मा, मीता लुनिवाल, सोनी कुमारी, अनिता पाठक, रश्मि पोखरियाल 'मृदुलिका', स्मिता सिंह चौहान, सुशील यादव 'सांझ', डॉ. उमा सिंह बघेल, पल्लवी पाठक, ज्योति चौधरी रचनाकारों के रहे।




पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा आयोजित ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव के प्रतिभागी रचनाकार सम्मानित।

पुनीत अनुपम ग्रुप द्वारा लोगों को स्नेह के महत्व और विशेषता का अहसास करवाने के उद्देश्य से ऑनलाइन स्नेह ध्येय सृजन महोत्सव का आयोजन किया गया...