मानवाधिकारों को कैसे हम सब भुला देते अक्सर
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
पूरे विश्व में हो एक भाईचारा
वसुधैव कुटुंबकम देश हमारा
समानता का अधिकार दिलाता
नफरतें भुला, मुहब्बतें फैलाता
एच आर डी लेकर आता है हर थीम बेहतर
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
सामूहिक उन्नति को अग्रसर
सांस ले सके सब खुलकर
जीने की कोशिश हो पूरी
आपदा हो आई या महामारी
मानवाधिकार दिवस प्रत्येक वर्ष दस दिसम्बर
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
वर्तमान भी एक दिन हो अतीत
समय सभी का जाएगा बीत
इंसान को इंसानियत गर बचानी
व्यापार छोड़, उच्च भावना बढ़ानी
मानवाधिकार के लिए मिलकर खड़े होकर
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
जीवन जीना है तो छोड़ बेचारापन
ओरों के काम आए ऐसा मानव बन
हितधारी, भागीदारी मानव का जुड़ना
मानवाधिकार का टिकाऊ विकास करना
वक़्त ऐसा के इंसान में इन्सानियत का नही किरदार
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
28 सितम्बर 1993 में भारत में अमल
12 अक्टूबर 1993 में मानवाधिकार आयोग का गठन
संविधान के भाग 3 में मौलिक अधिकार
हमारे समुदायों को समझाता अधिकार
सब धर्म के लोगों में जुड़ाव रहे बस विश्व स्तर
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
जो इन अधिकारों का करेगा हनन
इसके कानूनो का करेगा उल्लंघन
उसके लिए कठोर सजा का प्रावधान
महामारी के बाद कराए फिर निर्माण
सांस ले जिंदगी, जीने की कोशिशें करना खुलकर
दुनिया भर में एकजुटता दिलाती बड़े अवसर
✍️ सुनीता सोलंकी 'मीना' ( मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश )
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें