बुधवार, जुलाई 14, 2021

( ** बरसात और प्यार ** )

रचना बारिश की बूंदो पर दिल का हाल लिखा है

 कभी कह ना सकी तुमसे वो जज्बात लिखा है

 समुद्र की लहरों पर प्यार का पैगाम लिखा है

 सपनों में मिलती हुँ तुमसे वो जज्बात लिखा है !

 

 मोबाइल के इस दौर में खतो पर प्यार लिखा है

 बरसात के इस मौसम में दिल का फरमान लिखा है

 तेरे आने की आहट जो महसूस हुई वो अंदाज लिखा है

शायद तू समझे मेरे दिल का हाल वो जज्बात लिखा है !


कब समझोगे तुम मेरे दिल की बात एक सवाल लिखा है

बरसते बदलो की तरहरुख बदलते हो ये ख्याल लिखा है

मेरी मोहब्बत को तुम समझो ऐसा संदेश लिखा है

इस बार तुम्हारा जवाब दिल से हों वो जज्बात लिखा है !

                 

                               ✍️ प्रिया झंवर ( सूरत, गुजरात )

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